۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / कोई फर्क नहीं है चाहे आहिस्ता पढ़े या बुलंद आवाज़ से

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल : मुस्तहब नमाजों को बुलंद आवाज़ से पढ़े या आहिस्ता?

उत्तर: कोई फर्क नहीं है चाहे आहिस्ता पढ़े या बुलंद आवाज़ से।

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